विश्‍वास के बारे में बाइबल वचन: 60 प्रभावशाली वचन

विश्वास के बारे में बाइबल वचन

विश्‍वास मसीही जीवन की आधारशिला है। यह इस बात को प्रभावित करता है कि हम क्या मानते हैं और कैसे कार्य करते हैं। यह हमें आशा और शक्ति भी देता है, खासकर कठिन समय में। बाइबल में विश्वास के बारे में कई आयतें हैं। ये आयतें हमें प्रेरित कर सकती हैं, सांत्वना दे सकती हैं और हमें परमेश्वर के वादों की याद दिला सकती हैं। इस लेख में, हमने विश्‍वास के बारे में 60 प्रभावशाली बाइबल वचन चुने हैं। प्रत्येक आयत को खंडों में विभाजित किया गया है। ये खंड विश्वास के विभिन्न भागों को दर्शाते हैं: विश्वास क्या है, इसे कैसे बढ़ाया जाए और यह जीवन को कैसे बदलता है। विश्‍वास पर ये बाइबल आयतें आपको जीवन के हर दौर में परमेश्वर पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

विश्‍वास क्या है? विश्‍वास को परिभाषित करने वाले शास्त्र।

विश्‍वास मसीही जीवन की नींव है, और “विश्‍वास के बिना, परमेश्वर को प्रसन्न करना असंभव है”। बाइबल हमें बताती है कि हमें विश्वास करना चाहिए कि वह मौजूद है और वह उन लोगों को पुरस्कृत करता है जो लगन से उसकी तलाश करते हैं। विश्वास केवल परमेश्वर पर विश्वास करने के बारे में नहीं है। यह हमारे जीवन पर उसकी भलाई, प्रेम और नियंत्रण पर भरोसा करने के बारे में भी है। विश्वास से जीने का मतलब है परमेश्वर के वचन और वादों पर भरोसा करना। यह भरोसा तब भी सच होता है, जब हम परिणाम नहीं देख पाते या समझ नहीं पाते कि क्या हो रहा है।

विश्‍वास का मतलब है परमेश्वर के वचन पर भरोसा और अदृश्य पर भरोसा। विश्‍वास के बारे में ये आयतें हमें दिखाती हैं कि परमेश्वर पर पूरे दिल से विश्‍वास करने का क्या मतलब है।

  • इब्रानियों 11:1 : “अब विश्‍वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्‍चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।”
  • इब्रानियों 11:6 : “और विश्‍वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है; क्योंकि परमेश्‍वर के पास आनेवाले को विश्‍वास करना चाहिए कि वह है, और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।”

हम अपना विश्‍वास कैसे मज़बूत कर सकते हैं?

यीशु की ओर देखकर अपने विश्‍वास को मजबूत कर सकते हैं , जो “हमारे विश्‍वास के रचयिता और पूर्णकर्ता” हैं। इसे व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए बाइबल पढ़ना, अपने विश्‍वास को मजबूत करने के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करना और अन्य विश्वासियों से मार्गदर्शन प्राप्त करना है।

  • इब्रानियों 12:2-3“और विश्‍वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दु:ख सहा, और परमेश्‍वर के सिंहासन की दाहिनी ओर जा बैठा। इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना विरोध सह लिया कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो।”
  • रोमियों 10:17 : “अतः विश्‍वास सुनने से, और सुनना परमेश्‍वर के वचन से होता है। ”
  • मरकुस 9:24 – और बालक के पिता ने तुरन्त चिल्लाकर आंसू बहाते हुए कहा; हे प्रभु, मैं विश्‍वास करता हूं; मेरे अविश्वास का उपाय कर।

विश्‍वास के माध्यम से मुक्ति: विश्‍वास और अनन्त जीवन पर बाइबल की आयतें

मसीह यीशु में विश्‍वास उद्धार और अनन्त जीवन की ओर ले जाता है। ये शास्त्र परमेश्वर की धार्मिकता और उसकी अद्भुत कृपा पर ज़ोर देते हैं।

  • इफिसियों 2:8 : “क्योंकि विश्‍वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, बरन परमेश्‍वर का दान है।”
  • रोमियों 3:28 : “अत: हम इस नतीजे पर पहुँचते हैं कि मनुष्य व्यवस्था के कामों के बिना विश्‍वास से धर्मी ठहरता है।”
  • गलातियों 3:11 – परन्तु यह प्रगट है कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के यहां कोई धर्मी नहीं ठहरता, इसलिये कि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
  • 1 पतरस 1:9 – और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात् अपने आत्माओं का उद्धार प्राप्त करो।
  • यूहन्ना 3:16 : “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।”
  • इफिसियों 1:7 : “हम को उसमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात् अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।”
  • तीतुस 3:5 : “उसने हमारा उद्धार धर्म के कामों के कारण नहीं किया, जो हम ने किए, पर अपनी दया के अनुसार किया।”
  • रोमियों 5:1 : “अतः जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।”
  • प्रेरितों के काम 16:31 – ” और उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर , तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।”
  • यूहन्ना 20:29 – यीशु ने उस से कहा, हे थोमा, तू ने मुझे देखा है, क्या इसलिये विश्वास किया है? धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया।
  • गलातियों 2:16 – “यह जान लो कि मनुष्य व्यवस्था के कामों से नहीं, परन्तु केवल यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहरता है। वैसे ही हम ने भी मसीह यीशु पर विश्वास किया कि हम व्यवस्था के कामों से नहीं, परन्तु केवल मसीह पर विश्वास करने से धर्मी ठहरें; क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई मनुष्य धर्मी न ठहरेगा।”

परमेश्वर का वचन घोषणा करता है कि केवल प्रभु यीशु में विश्‍वास करके ही व्यक्ति को बचाया जा सकता है। उद्धार उन कार्यों का परिणाम नहीं है जो हम परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए करते हैं। विश्वास के बिना, हम यीशु द्वारा दिए जाने वाले अनन्त जीवन को प्राप्त नहीं कर सकते।

आस्था और ईश्वर के साथ हमारे रिश्ते पर शास्त्र

ईश्वर के साथ हमारे रिश्ते में आस्था बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें उनकी अच्छाई और शक्ति पर भरोसा करने में मदद करती है। जब हमारे पास आस्था होती है, तो हम मुश्किल परिस्थितियों में भी शांति और खुशी का अनुभव कर सकते हैं। आस्था हमें दुनिया पर विजय पाने और ऐसा जीवन जीने में भी सक्षम बनाती है जो ईश्वर का सम्मान करता है और उनके प्रेम और चरित्र को दर्शाता है।

विश्‍वास और परमेश्वर के साथ हमारे बंधन के बारे में ये आयतें हमें दिखाती हैं कि हमें उसके वचन और वादों पर भरोसा क्यों करना चाहिए:

  • यूहन्ना 15:7 – यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
  • 1 यूहन्ना 5:14-15 – और हमें उसके विषय में जो हियाव होता है, वह यह है, कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है। और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमारी सुनता है , तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हमने उस से मांगा, वह पाया है।
  • भजन 37:3-5 – यहोवा पर भरोसा रख और भलाई कर; इस प्रकार तू देश में बसा रहेगा, और तृप्त रहेगा। यहोवा में आनन्दित रह, और वह तेरे मन की इच्छा पूरी करेगा। अपना मार्ग यहोवा पर छोड़; उस पर भरोसा रख, और वही उसे पूरा करेगा।
  • यशायाह 26:3-4 – जिसका मन तुझ पर स्थिर रहता है, उसको तू पूर्ण शान्ति के साथ सुरक्षित रखता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है । यहोवा पर सदा भरोसा रखो, क्योंकि यहोवा में अनन्त सामर्थ्य है।

विश्‍वास का कार्यान्वयन: विश्‍वास से जीने पर शास्त्र

बाइबल हमें अपने हर काम में विश्‍वास से जीने के लिए प्रोत्साहित करती है। विश्‍वास से जीने का मतलब है रोज़ाना के चुनावों को परमेश्वर की सच्चाई के साथ जोड़ना। ये शास्त्र हमें परमेश्वर के साथ चलने में रोज़ाना कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं।

दैनिक जीवन में विश्‍वास से जीना

  • गलातियों 2:20 : “मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, फिर भी मैं जीवित हूं; मैं नहीं, पर मसीह मुझ में जीवित है ; और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिये अपने आप को दे दिया।”
  • रोमियों 1:17 : “क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और पर विश्वास के लिये प्रगट होती है, जैसा लिखा है, कि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।”
  • हबक्कूक 2:4 : “देख, जो मन घमण्ड से फूलता है, उसका मन सीधा नहीं रहता; परन्तु धर्मी जन अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।”
  • इब्रानियों 10:38 : “अब धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, परन्तु यदि कोई पीछे हट जाए, तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा।”
  • 2 कुरिन्थियों 5:7 : “क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्‍वास से चलते हैं।”

कार्यों के माध्यम से व्यक्त किया गया विश्‍वास

  • याकूब 2:17 : “वैसे ही विश्‍वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अकेला मरा हुआ है।”
  • 1 यूहन्ना 3:23 : “और उसकी आज्ञा यह है, कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्‍वास करें, और एक दूसरे से प्रेम रखें, जैसा कि उसने हमें आज्ञा दी है।”
  • 1 तीमुथियुस 1:19 : “विश्‍वास और शुद्ध विवेक को थामे रहो; जिसे कितनों ने त्यागकर विश्‍वास रूपी जहाज़ डुबो दिया है।”

विश्‍वास में दृढ़ रहना

  • 1 कुरिन्थियों 16:13 : “जागते रहो, विश्वास में स्थिर रहो, पुरुषार्थ करो, बलवन्त बनो।”
  • इफिसियों 6:16 : “सब से बढ़कर विश्वास की ढाल लेकर चलो जिस से तुम दुष्टों के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको।”
  • 2 कुरिन्थियों 13:5 : “अपने आप को जांचो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो। क्या तुम अपने आप को नहीं जानते कि यीशु मसीह तुम में है, कि नहीं तो तुम निकम्मे ठहरो?”

सभी परिस्थितियों में परमेश्वर पर भरोसा रखना

  • फिलिप्पियों 4:6-7 : ” किसी बात की चिन्ता मत करो ; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है , तुम्हारे हृदय और विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।”
  • 1 पतरस 5:7 : “अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि वह तुम्हारी परवाह करता है ।”
  • भजन 55:22 : “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।”
  • रोमियों 15:13 : “आशा का दाता परमेश्वर तुम्हें उस पर भरोसा रखने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि तुम पवित्र आत्मा की सामर्थ से आशा से भरपूर होते जाओ।”

शाश्वत चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करना

  • 2 कुरिन्थियों 4:18 : “हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं; क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।”
  • कुलुस्सियों 3:2-3 : “पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ; क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।”

विश्‍वास करके परमेश्वर की महिमा देखना

  • यूहन्ना 11:40 : “यीशु ने उससे कहा, क्या मैं ने तुझ से न कहा था, कि यदि तू विश्वास करेगी , तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी?”

विश्‍वास और संदेह के बारे में परमेश्वर का वचन

निम्नलिखित श्लोक हमें याद दिलाते हैं कि हमें बिना किसी संदेह के परमेश्वर पर भरोसा करना चाहिए:

  • याकूब 1:6-8 – परन्तु विश्वास से मांगो, और कुछ सन्देह न करो; क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य प्रभु से कुछ पाने की आशा न रखे। ऐसा मनुष्य दुचित्ता और अपने सारे कामों में चंचल होता है।
  • मत्ती 14:31 – यीशु ने तुरन्त हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया, और उस से कहा; हे अल्पविश्वासी, तू ने क्यों सन्देह किया?
  • 1 तीमुथियुस 2:8 – इसलिये मैं चाहता हूं, कि हर जगह पुरुष पवित्र हाथ उठाकर , बिना क्रोध और सन्देह के प्रार्थना किया करें।

विश्‍वास और दृढ़ता के बारे में बाइबल की आयतें

विश्‍वास और दृढ़ता के बारे में निम्नलिखित श्लोक हमें परमेश्वर की भलाई और संप्रभुता पर भरोसा रखने के महत्व की याद दिलाते हैं:

  • रोमियों 5:3-4 – केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।
  • याकूब 1:2-4 – हे मेरे भाइयो, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो , क्योंकि यह जान लो, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में कुछ घटी न रहे।
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1:4 – इसलिये हम आप परमेश्वर की कलीसिया में तुम्हारे विषय में घमण्ड करते हैं, कि जितने उपद्रव और क्लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्वास प्रगट होता है।

प्रार्थना और उपचार में विश्‍वास

  • प्रेरितों के काम 3:16 – “और उसके नाम पर विश्वास करने से उस मनुष्य को बल मिला है जिसे तुम देखते हो और जानते भी हो: और उसी विश्वास ने जो उसमें है, तुम सब के साम्हने उसे सिद्ध भला चंगा कर दिया है।”
  • मत्ती 21:22 – और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम्हें मिलेगा।
  • मरकुस 5:34 – “उसने उससे कहा, बेटी, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया है; कुशल से जा, और अपनी इस बीमारी से बची रह।”
  • लूका 7:50 – “और उसने स्त्री से कहा, तेरे विश्वास ने तुझे बचा लिया है; कुशल से चली जा।”
  • प्रेरितों के काम 14:9 – “उस ने पौलुस को बातें करते सुना, और उस ने उस की ओर दृष्टि करके जान लिया, कि इस को चंगा हो जाने का विश्वास है।”

कठिन समय में परमेश्वर पर भरोसा रखना: ताकत के लिए बाइबल की आयतें

जब जीवन अनिश्चित होता है, तो परमेश्वर पर विश्‍वास हमारा सहारा बन जाता है। परीक्षाएँ हमारे विश्वास की परीक्षा लेती हैं, लेकिन परमेश्वर का वचन आशा प्रदान करता है। ये आयतें हमें कठिन समय में परमेश्वर के निकट आने की याद दिलाती हैं।

  • यशायाह 41:10 : “मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं; इधर उधर मत घूम, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा।”
  • फिलिप्पियों 4:13 : “जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूँ ।”
  • भजन 46:10 : “ चुप रहो, और जान लो कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ।”
  • मत्ती 6:34 : “इसलिये कल की चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन आप अपनी बातों की चिन्ता कर लेगा।”
  • 1 पतरस 1:7 इसलिये कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं अधिक बहुमूल्य है , यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और आदर, और महिमा का कारण ठहरे।
  • रोमियों 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
  • नीतिवचन 3:5-6 – “तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके अपने सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।”

मुश्किल समय में, आस्था पर शास्त्र हमें याद दिलाते हैं कि परमेश्वर सर्वोच्च है। आपके विश्वास की परीक्षा धीरज पैदा करती है (याकूब 1:3)। प्रभु पर पूरी तरह भरोसा करने के लिए नीतिवचन 3:5 जैसी आयतों को थामे रहें।

विश्‍वास पर यीशु की शिक्षाएँ: विश्‍वास के लिए महत्वपूर्ण उद्धरण

विश्‍वास पर यीशु की शिक्षाएँ हमें इसकी परिवर्तनकारी शक्ति की याद दिलाती हैं। ये आयतें उनके प्रोत्साहन और सच्चाई को दर्शाती हैं।

  • मत्ती 17:20 : “उसने उनसे कहा, “अपने विश्‍वास की घटी के कारण, क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूँ, यदि तुम्हारा विश्‍वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो इस पहाड़ से कह सकोगे, ‘यहाँ से सरककर वहाँ चला जा’, तो वह चला जाएगा; और कोई बात तुम्हारे लिये असम्भव न होगी।”
  • मरकुस 9:23 : “यीशु ने उससे कहा, यदि तू विश्‍वास कर सकता है, तो विश्वास करनेवाले के लिये सब कुछ हो सकता है।”
  • मरकुस 5:36 : “यीशु ने ये बातें सुनते ही आराधनालय के सरदार से कहा, मत डर, केवल विश्वास रख।”
  • लूका 17:6 : “और प्रभु ने कहा; यदि तुम में राई के दाने के बराबर भी विश्वास होता, तो इस गूलर के पेड़ से कहते; जड़ से उखड़कर समुद्र में लग जा; तो वह तुम्हारी मान लेता।”
  • यूहन्ना 11:25 : “यीशु ने उससे कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ; जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।”

विश्‍वास जो पहाड़ों को हिला देता है: साहसी विश्‍वास के बारे में बाइबल के उद्धरण

विश्‍वास हमें असंभव और कठिन परिस्थितियों में भी साहस देता है। बाइबल के ये उद्धरण परमेश्वर में विश्‍वास की प्रबल शक्ति को उजागर करते हैं।

  • मत्ती 21:21 : “यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं तुम से सच कहता हूँ, यदि तुम विश्‍वास रखो और संदेह न करो, तो न केवल यह करोगे जो इस अंजीर के पेड़ से किया गया है, परन्तु यदि इस पहाड़ से भी कहोगे, ‘उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़’, तो यह हो जाएगा।”
  • इब्रानियों 10:23 : “हम अपने विश्वास के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रहें, क्योंकि जिस ने प्रतिज्ञा की है, वह सच्चा है।”
  • 2 तीमुथियुस 4:7 : “मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूँ, मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्‍वास की रखवाली की है।”
  • मत्ती 9:29 : “क्योंकि वह अपने मन में कहती थी, “यदि मैं उसके वस्त्र ही को छू लूँगी तो चंगी हो जाऊँगी।””
  • लूका 1:37 : “क्योंकि परमेश्वर के लिये कुछ भी असंभव नहीं है।”

निष्कर्ष: पवित्रशास्त्र से अपना विश्‍वास मज़बूत करें

विश्‍वास एक यात्रा है और ईश्वर पर भरोसा करने का एक दैनिक अभ्यास है। विश्‍वास के बारे में ये 50 बाइबल छंद हमें विश्‍वास करने के महत्व की याद दिलाते हैं, तब भी जब हम अभी तक नहीं देख पाते हैं। चाहे आप कठिन समय से गुज़र रहे हों या बस मसीह के करीब जाना चाहते हों, ये शास्त्र आपको शक्ति दे सकते हैं और आशा ला सकते हैं। वे आपको ईश्वर के करीब आने में भी मदद कर सकते हैं।

विश्‍वास हमें संसार पर विजय पाने, प्रभु पर भरोसा करने और परमेश्वर की धार्मिकता के अनुसार जीवन जीने के लिए सक्षम बनाता है। बाइबल के इन शक्तिशाली शब्दों पर मनन करें और विश्‍वास के उपहार को आज परमेश्वर के वादों में अपने हृदय को स्थिर करने दें।