दुःखों का गहरा कुआँ

दुःखों का गहरा कुआँ

टूटे हुए रिश्ते, एक टूटा परिवार, उन प्रिय व्यक्तियों जो हमें अकेले छोड़ गए, जीवन में निरंतर असंतोष, जीवन की व्यर्थता और उद्देश्य की कमी। इन दुखों से एक गहरे कुआं बनाने में काफी हैं, जो हमें इसकी गहराई तक डूबाने की कोशिश करता है। अक्सर हम इस दर्द से बचने के लिए और दुखों के इस गहरे कुआं से निकलने के लिए एकमात्र रास्ता खोजते है जैसेकि ड्रग्स और शराब का मीठा मतिभ्रम, अवैध भोगों का आनंद और पागलों के जैसा अधिक मज़ा और मनोरंजन के पीछा भागना

 झूठा उपाय

 लेकिन बहुत बार चट्टान होने के बजाय जो हमें डूबने से बचाता है, ये हमारे कंधों से बंधे हुए बड़े पत्थर बन जाते हैं, जो हमें दुखों के कुएं के गहराई तक डुबो देते हैं, जिसे ज्यादातर लोगउदासीकहते हैं।

 इसके कारण हर एक व्यक्ति के जीवन में अलग हो सकते हैं।  लेकिन डब्ल्यूएचओ(WHO) की रिपोर्टों के अनुसार, उदासी दुनिया भर में विकलांगता का प्रमुख कारण है और बीमारियों के समग्र वैश्विक बोझ में महत्वपूर्ण योगदान करता है।  इसकी सबसे बुरी स्थिति में, उदासी  का परिणाम आत्महत्या हो सकती है, और तथ्यों बताते हैं कि आत्महत्याओं के कारण हर साल लगभग 800,000 लोग मर जाते हैं।

 सच्चाई यह है कि जब तक कोई हमारी मदद नहीं करता, तब तक हम इस गहरे कुएं से बाहर नहीं निकल सकते। और हम सभी को मदद की जरूरत है, क्योंकि हम सभी के पास दुखों के अपने कुएं हैं।

 कौन मदद कर सकता है ?

 लेकिन हमारी मदद कौन कर सकता है ? बहुत हद तक, यह हमारे साथी, हमारे मित्र और प्रियजन हैं जो इस भंवर से बाहर निकलने में हमारी मदद कर सकते हैं। पर वे हमारी मदद नहीं कर सकते अगर हम उम्मीद खो चुके हैं।

 लेकिन हम उम्मीद कैसे पा सकते हैं ? कौन हमें आशा दिला सकता है? जब मैंने अपना स्थिरता लगभग खो दिया था और इस गहरे कुएं से डूबना शुरू किया, तो  मैं इस आशा देने वाले से मिला। उसका नाम यीशु है।

बस जब मेरी गलतियों और गलत कामों के अपराध ने मेरे जीवन में आशा और खुशी को लूट लिया, तो मैंने वो महान प्रेम और बलिदान को देखा जो मेरे पापों का दंड और उसका अपराध उसपर ले लिया।

 जब मुझे लगा कि इन दुखों का बोझ मुझे पराजित करेगा तो मैंने यीशु में, मेरा सबसे अच्छा दोस्त और परमेश्वर जो मेरे दर्द को समझता है और मुझे उनसे बचाता है, पाया। जब मुझे लगा कि मेरी जिंदगी गड़बड़ था और ठीक होने से परे है, यीशु ने मुझे इस झंझट से उठाकर, एक नई शुरुआत दिलाया।

उसने मेरी मदद की ! अपना हाथ दिया और मुझे दुखों के गहरे कुएं से बाहर निकाला। वह आपको उदासी को दूर करने और दुखों के गहरे कुएं से बाहर आने में  मदद कर सकता है।

 उसने अपना हाथ तुम्हारे लिए बढ़ा रहा हैक्या तुम उस पर भरोसा करने और उसका हाथ पकड़ने के लिए तैयार हो ??