परमेश्वर के बारे में प्रश्न

Parameshwar

परमेश्वर की रचना किसने की ?

इस प्रश्न का उत्तर देने से पहले एक और प्रश्न पर विचार करते हैं। यदि परमेश्वर को किसी ने बनाया था, तो वास्तव में परमेश्वर की रचना करने वाले दूसरे व्यक्ति / शक्ति के निर्माण के पीछे कौन है?
यदि हम कहते हैं कि परमेश्वर को किसी ने बनाया है तो यह परमेश्वर की उत्पत्ति के बारे में हमारे सामने एक अनंत और अवर्णनीय निर्माण चक्र को उजागर करता है। कॉसालिटी (causality) का सिद्धांत हमें इस पहेली पर एक निश्चित सीमा तक उत्तर देता है। यह कहता है कि “हर चीज की शुरुआत के पीछे, एक कारण होता है”। इसलिए उत्तर को इस प्रकार समझा जा सकता है , परमेश्वर जो निर्माता है, जो हर चीज के अस्तित्व के पीछे वास्तविक कारण/व्यक्ति है उसकी कोई शुरुआत नहीं है। भजन 90:2 में, मूसा कहते है कि “इस से पहिले कि पहाड़ उत्पन्न हुए, वा तू ने पृथ्वी और जगत की रचना की, वरन अनादिकाल से अनंत काल तक तू ही परमेश्वर है॥” इसलिए परमेश्वर चिरस्थायी है या उसका अस्तित्व अनादिकाल से अनंत काल तक है, परमेश्वर की कोई शुरुआत नहीं है, लेकिन वह सभी जीवित और गैर-जीवित चीजों की शुरुआत और कारण है। वह संपूर्ण ब्रह्माण्ड का एक और एकमात्र परम निर्माता है।

आप यह क्यों कहते हैं कि यह ब्रह्माण्ड को परमेश्वर ने बनाया है ? यह मानना गलत क्यों है कि ब्रह्माण्ड खुद से ही अस्तित्व में आ गया ?

यह एक सदियों पुराना सवाल है जिसने कई विद्वानों को हैरान कर दिया है। सर आइजैक न्यूटन ने एक बार सौर मंडल के एक मॉडल को डिजाइन किया था ताकि ग्रह प्रणाली पर उनके शोध की गहरी समझ हो सके। उनके एक नास्तिक मित्र, जिन्होंने कभी परमेश्वर के अस्तित्व को अस्वीकार कर दिया था और उनकी सर्वशक्ति पर सवाल उठाया था, न्यूटन की प्रयोगशाला में सौर मंडल के इस मॉडल को देखा। वह उस व्यक्ति की बुद्धिमत्ता के बारे में बहुत उत्सुक थे, जिसने इस मॉडल को बनाया था और उनके प्रश्न करने पर न्यूटन ने उत्तर दिया ” किसी ने नहीं ” !!! उनके मित्र ने उत्तर दिया “ऐसा नहीं हो सकता!!! क्या आप मेरे साथ मजाक कर रहे हैं? खूबसूरती से बनाए गए इस मॉडल के पीछे अवश्य कोई होना चाहिए।“ न्यूटन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया “यदि आपके लिए यह समझना सरल है कि इस मॉडल के पीछे एक निर्माता है, तो आप एक बुद्धिमान निर्माता और ब्रह्माण्ड को संभालने वाले के अस्तित्व को अनदेखा कैसे करेंगे, जो मानव निर्मित मॉडल की तुलना में बहुत अधिक जटिल है”।
तो हम हमारे सवाल पर वापस आते हैं; परमेश्वर इस सुंदर ब्रह्माण्ड के बुद्धिमान बनाने वाले, निर्माता और संभालने वाले हैं और वह यह अपने नाम की महिमा के लिए करते है। भजन 19:1 कहता है, “आकाश ईश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है”। और भजन 8:1 में राजा दाऊद लिखते है “हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है।” वचन 3 से 5 में, दाऊद लिखते हैं “जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं;तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।” पूरे ब्रह्माण्ड के महान वास्तुकार परमेश्वर आपकी और मेरी देखभाल क्यों करता है? जवाब है, वह न केवल ब्रह्माण्ड के निर्माता हैं, बल्कि आपके और मेरे निर्माता भी हैं। उत्पत्ति 2:7 में, मूसा कहते है, “यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य को भूमि की धूल से बनाया और उसके नथनों में प्राण फूंक दिए और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया।” जैसा कि स्वर्ग अपने निर्माता परमेश्वर की महिमा की घोषणा करता है, वैसे ही आपको अपने जीवन के माध्यम से उसकी महिमा को प्रकट करना चाहिए क्योकि आप भी परमेश्वर की रचना हैं। लेकिन जब तक आप उसके साथ व्यक्तिगत रिश्ता नहीं बनाते हैं या यदि उसकी पहचान अभी भी आपके लिए एक रहस्य है, तो आपके लिए परेमश्वर की महिमा की घोषणा करना कैसे संभव है?

बाइबिल का परमेश्वर अनोखा क्यों है ? परमेश्वर का सच्चा धर्म क्या है ?

इसे मैं निम्नलिखित कथनों के साथ समझाता हूं; एक परमेश्वर जो पाप से घृणा करता है, लेकिन वह पापी से प्यार भी करता है और सहानुभूति रखता है, परमेश्वर जो बहुत महान है, लेकिन हम में से प्रत्येक के साथ एक व्यक्तिगत रिश्ता रखना चाहता है, परमेश्वर जो परम नैतिक मानदंडों को रखता है और मानव जाति को उसे पालन करने और चलने के लिए कहता है। परमेश्वर जो सृष्टिकर्ता है, सर्वशक्तिशाली, सर्वज्ञानी, अनंत है, लेकिन उसने खुद को नम्र किया ताकि एक कुंवारी के गर्भ से एक मानव रूप में जन्म लेकर परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं द्वारा सैकड़ों वर्षों में लिखी गई तीन सौ से अधिक भविष्यवाणियों को पूरा कर सके। वह परमेश्वर जो अपने जन्म के माध्यम से मानव इतिहास को दो भागों में विभाजित करने में सक्षम है; B.C(क्राइस्ट से पहले) और A.D (अन्नो डोमिनी -“प्रभु के वर्ष में”), वह परमेश्वर जिसने एक निर्दोष जीवन जीया और जो दुनिया में किसी के द्वारा दोषी नहीं ठहराया जा सकता था। वह परमेश्वर जो पापी मानव जाति के लिए उन्हीं के हाथों मर गया , लेकिन मृत्यु पर विजय प्राप्त करके तीसरे दिन फिर से उठा और मानव जाति के लिए उद्धार लाया। वह परमेश्वर जो खुद पर भरोसा करने वाले व्यक्ति के दिल में बसने के लिए इच्छुक हैं । वह परमेश्वर जिसने वचन दिया है कि वह वापस आएगा और अपने संतों को इकट्ठा करके उन्हें अनंत जीवन देगा। यदि मानव इतिहास में कोई है जिसमें ये उपरोक्त गुण हैं, तो वह बाइबल का परमेश्वर है। वह हिंदुओं, मुसलमानों, ईसाइयों या किसी अन्य धर्मों के परमेश्वर नहीं हैं। लेकिन वह आपके और मेरे और पूरे ब्रह्माण्ड के परमेश्वर हैं।