‘गुड फ्राइडे’ या शुभ शुक्रवार क्यों ?
एक अच्छा व्यक्ति जिसने अपने जीवन में केवल अच्छा काम ही किया था, उसे ईर्ष्यालु लोगों के समूह द्वारा मार दिया गया। इसे आदर्श रूप से एक दुखद दिन कहा जाना चाहिए, है ना? लेकिन फिर भी, लोग इसे ‘गुड फ्राइडे‘ या शुभ शुक्रवार कहते हैं। क्यों? उसमें इतना अच्छा क्या है? आपने ये सवाल पूछे होंगे। हाँ, इसके पीछे एक कारण है।
येशु मसीह की मृत्यु कोई आकस्मिक मृत्यु नहीं थी। उस मृत्यु में एक उद्देश्य था। वह मरने के लिए पैदा हुआ था। वह उस सबसे बड़ी समस्या को हल करने के लिए मर गया जिसे मानवता ने अब तक सामना कि हो – पाप की समस्या।
गुड फ्राइडे – एक दिलचस्प सच्चाई
दिलचस्प लगता है, है ना? यीशु मसीह की मृत्यु कैसे पाप की समस्या को हल कर सकती है? यह एक उत्तेजक कहानी है। यह सच्चे प्रेम की कहानी है और वह कहानी है जो मानव जाति के प्रति ईश्वर के प्रेम की महानता को प्रकट करता है।
बाइबल एक सर्वशक्तिशाली ईश्वर के बारे में बताती है जो पवित्रता को अपना सबसे महत्वपूर्ण गुण मानता है। वह एक धर्मी ईश्वर है जो पाप से नफ़रत करता है। वह अन्याय को बर्दाश्त नहीं करता है। वह पापियों को कभी आज़ाद नहीं होने देगा। “पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है“, यह पवित्र परमेश्वर की नीति है।
उसी समय, वह एक दयालु परमेश्वर है, जो पापियों से प्यार करता है। वह नहीं चाहता कि मनुष्य अपने पापों के कारण मरें। वह चाहता है कि वे परिपूर्ण शांति और नित्य जीवन का आनंद लें।
यह कैसे संभव हो सकता है? क्या ये दो विरोधाभासी मांगें कभी पूरी हो सकती हैं? एक ही विकल्प है। एक निष्पाप व्यक्ति को पाप की सज़ा भुगतनी चाहिए, ताकि वह व्यक्ति जो परमेश्वर के सामने दोषी है, वह स्वतन्त्र हो सके। लेकिन क्या कोई ऐसा धर्मी है? नहीं!
“… सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं…” (रोमियों 3:23)
कोई भी ईश्वर के मानक को पूरा नहीं कर सकता है । निराशाजनक, है कि नहीं? लेकिन परमेश्वर जो दया का धनी है,पापी मनुष्य के प्रति अपने गहरे प्रेम में ,एक अनोखी योजना बनाया। यह और कुछ नहीं , बल्कि परमेश्वर स्वयं मानव रूप में इस धरती पर आए और पूरी दुनिया के पाप की सज़ा खुद अपने ऊपर ले लिया।
शुभ शुक्रवार (गुड फ्राइडे) का शुभ समाचार
जी हाँ, यही यीशु मसीह ने उस शुक्रवार को किया था। परमेश्वर का पुत्र मानव रूप में इस दुनिया में आया, और वह एक आदर्श इंसान के रूप में जीवित रहा। क्रूस पर पीड़ा सहकर, हमारे पाप का बोझ उठाके हमारे लिए मर गया। कलवरी के क्रूस पर हमारे पाप का दंड पूरी तरह से चुकाया गया है ताकि हम पापी मुक्त जा सकें।
इतना ही नहीं, वह मरने के तीसरे दिन, मृत्यु पर विजय प्राप्त किए हुए जी उठे,और वह आज हमारे लिए जी रहा है। यह एक सुंदर प्रेम कहानी है , है कि नहीं ? प्रिय मित्र, गुड फ्राइडे के पीछे की असली कहानी यही है। यह वास्तव में गुड फ्राइडे था क्योंकि यीशु मसीह की मृत्यु हमारे भलाई के लिए हुई थी। क्या आप आज उन्हें अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता मानेंगे?