एक अतुलनीय प्रेम

एक अतुलनीय प्रेम

प्रेम और रिश्ते- एक आम धारणा

मुझे नहीं पता कि सिर्फ मैं या अन्य भी जब ‘प्रेम’ और ‘रिश्तों ‘ के बारे में सुनते हैं, तो अक्सर इसे एक युगल प्रेमी जोड़े के बीच मौजूद रिश्ते के रूप मे देखते हैं। ऐसा संभवत: इसलिए है क्योंकि समाज इसे सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता मानता है, और इस प्रकार ये दोनो शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची के रुप मे इस्तेमाल किए जाते हैं।

लेकिन वास्तव में एक रिश्ता मूल रूप से किन्हीं दो लोगों के बीच का संबंध है। एक माता-पिता और बच्चे का, एक शिक्षक और छात्र का या दो मित्रों के बीच का संबंध।

समानताएं, पसंद, अपेक्षाएं, और एक दूसरे के प्रति सहनशीलता किसी भी रिश्ते की रूपरेखा तैयार करती है।

प्रेम – एक कारक

रिश्तों में अपनी असुविधाएं होती हैं। लेकिन अंत में, हम उस रिश्ते को जारी रखने का चुनाव इसलिये करते हैं क्योंकि – प्रेम उन सारी असुविधाओं पर हावी हो जाता है।

माता – पिता और बच्चोँ के बीच जो प्यार मौजूद रहता है, वह चाहे बच्चा कोई भी गलती करे तब भी रहता है या उसे जिस भी तरह की सजा मिली हो तब भी वह प्रेम बना रहता है। एक शिक्षक, कम अंक पाने वाले और कक्षा में उपद्रव करने वाले छात्रों को इन सबके बावजूद उनका मार्गदर्शन करता रहता है। बहस या असहमति के बावजूद भी मित्र अपने बीच रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं।
क्या आप देख सकते हैं कि यह कितना स्पष्ट है? प्रेम सभी प्रकार के रिश्तों का आधार है। हम जिस प्रकार के प्रेम को पाना चाहते हैं और दूसरे व्यक्ति को देना चाहते हैं हम उसके आधार पर उन रिश्तों का चयन करते हैं। प्रेम किसी भी रिश्ते में बंधन का कार्य करता है और सच्चा प्रेम उस बंधन को बनाए रखता है।

स्वर्गीय पिता जो सभी से प्रेम करते है

अब मैं पिता – पुत्र के रिश्ते के एक और प्रकार को पेश करना चाहता हूं, जो जीवित परमेश्वर और उनके संतान के बीच होता है।
आम धारणा के विपरीत, परमेश्वर मात्र पराक्रमी और शक्तिशाली ही नहीं है परंतु वह एक प्यार करने वाले परमेश्वर भी है। बाइबल कहती है:… ‘परमेश्वर प्रेम हैं ‘(1 यूहन्ना 4: 16)। बाइबल यह नहीं कहती कि परमेश्वर ने प्रेम किया था या परमेश्वर प्रेम करते है या परमेश्वर प्रेम करेंगे । बाईबल कहती है कि परमेश्वर प्रेम है। क्या यह उल्लेखनीय कथन नहीं है?
संपूर्ण ब्रह्मांड के परमेश्वर , जिन्होंने आपको और मुझे बनाया है, वह परमेश्वर प्रेम है। वह अनंत प्रेम से हमसे प्रेम करते है। वह हमें उनके साथ एक प्रेम भरे रिश्ते में लाने की कामना करते है। किसी भी सांसारिक रिश्ते की तरह एक ऐसा संबंध जहाँ हम बोलते हैं और वह सुनते है और वह बोलते हैं और हम सुनते हैं।

लेकिन परमेश्वर और उनके संतानों के बीच रिश्ते की एक असाधारण विशेषता है, वह यह है कि परमेश्वर हमेशा उनके साथ रहता है।

बाइबल कहती है: , “मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा; और ना ही त्यागूँगा। ” (इब्रानियों 13: 5)

ऐसा प्रेम कहाँ

यह परमेश्वर का अनंत प्रेम है। सांसारिक रिश्तों के विपरीत, जहां लोग प्रतिबद्ध तो होते हैं लेकिन हमारी मदद नहीं कर पाते , परमेश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं। हमें शांति देने के लिए, हमारा मार्गदर्शन करने के लिए, हमारी रक्षा करने के लिए।
ऐसे प्रेमी परमेश्वर के साथ इस प्यार भरे रिश्ते में शामिल होने के लिए, आपको सिर्फ उसे अपने परमेश्वर और व्यक्तिगत उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करना होगा। बाइबल कहती है: “क्योंकि परमेश्वर ने संसार से ऐसा प्रेम किया कि उन्होंने अपने एकलौते पुत्र को दे दिया ताकि जो कोई भी उस पर विश्वास करे वह नाश ना हो परन्तु अनन्त जीवन पाए।” (यूहन्ना 3:16)
सांसारिक रिश्तों में सीमाएं हैं और वह अस्थायी हैं। इसके विपरीत, हमारे स्वर्गीय पिता के साथ हमारा रिश्ता, प्रेम के बंधन से बंधा है और अनंतकाल का है।

क्या आप आज से उनके साथ इस प्रेम भरे रिश्ते में शामिल होना चाहते हैं?